Rahat Indori shayari hindi जनाज़े पर मिरे लिख देना यारो

rahat Indori ji ke yaad me kuch rahat Indori shayari hindi me jo rahat saheb ne apne alfazo se likha hai.

Rahat Indori shayari hindi जनाज़े पर मिरे लिख देना यारो

Rahat Indori sir ka nidhan sabhi ke liye bahut hi dukhad hai. poetry ki duniya me aapne bhut uchaiyo ko chhua hai. hame apke na hone ka ehsas hamesa rahega.

जनाज़े पर मिरे लिख देना यारो
मोहब्बत करने वाला जा रहा है

ये बूढ़ी क़ब्रें तुम्हें कुछ नहीं बताएँगी
मुझे तलाश करो दोस्तो यहीं हूँ मैं

जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे
मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे

आँख में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो

न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा

वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा
मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया

किसने दस्तक दी, कौन है
आप तो अंदर है बाहर कौन है

ये ज़िंदगी जो मुझे क़र्ज़-दार करती रही
कहीं अकेले में मिल जाए तो हिसाब करूँ

One comment

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

Gravatar
WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Google photo

You are commenting using your Google account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.